नाथ समाज का इतिहास -गोरख नाथ मंदिर द्वारा प्रकाशित।
हिन्दू-धर्म, दर्शन, अध्यात्म और साधना के अन्तर्गत विभिन्न सम्प्रदायों और मत-मतान्तरों में नाथ सम्प्रदाय का प्रमुख स्थान है। भारतवर्ष का कोई प्रदेश, अंचल या जनपद नहीं है जिसे नाथसम्प्रदाय के सिद्धों या योगियों ने अपनी चरण रज से साधना और तत्वज्ञान की महिमा से पवित्र न किया हो…
नाथ और नाथ कर्म
अकबर ने एक नाथ योगी को दयनीय हालत में जब भिक्षाटन करते देखा तो बीरबल की ओर व्यंग्य कसकर बोले – ‘बीरबल ! ये हैं तुम्हारे योगी ! जिन्हें गुरु माना जाता है । ये तो भिखारी हैं । बीरबल ने उस समय तो कुछ नहीं कहा लेकिन जब अकबर महल में चला गया तो बीरबल…
नाथ संप्रदाय में भगवा रंग का महत्व
नाथो ने भगवा क्यो अपनाया और इसका क्या महत्व है सतयुग के पहले जब मानव का अस्तितव था ! संत महात्मा वन मे चर्म के वस्त्र पहंते थे ! आदीकाल मे बाघम्बर तथा मृग चर्म का वस्त्र स्वरूप मे उप्योग करते थे ! मृगछाला कटी वस्त्र रूप मे लपेटकर उपयोग करते थे ! जप तप के लिये इसे आसन के रूप मे उपोयग करते थे !फिर सतयुग का आगमन हुआ…
नाथ सम्प्रदाय की उत्पत्ती का प्रथम भाग और उनके प्रारंभिक नाथ
नाथ सम्प्रदाय की उत्पत्ति किस प्रकार हुई और कितने नाथ हए, इस विषय मेंं विद्ववजन भ्रमित हैं क्योंकि वे इस सम्प्रदाय को जैन और बौद्ध सम्प्रदाय का पश्चातवर्ती मानते हैं। जबकि पूर्ववर्ती अध्याय में यह निश्चित हो चुका है कि यह सम्प्रदाय आदिनाथ भगवान शंकर…
सिकंदर की दंदमिस योगी से मुलाकात
Alexander was a brilliant warrior and military genius. He had a bright and subtle mind. His tutor was the great Greek philosopher Aristotle, whose thoughts and writings have had a huge influence on western thoughts concerning ethics, beauty, and politics…